अश्क

नब्ज़े अश्क की पनाहगाह हु मैं ै ज़िन्दगी तेरी करज़दार हु मैं |

छललक जाता है दरिआए अश्क मुझसे, जब कोई पोहचाता है मुझे तकलीफ दिल से |

नाह कह सकू बयाने दर्द किसी से, गवाही दिलवाता है कतरा ै अश्क मुझि से |

नब्ज़े अश्क की पनाहगाह हु मैं ै ज़िन्दगी तेरी करज़दार हु मैं |

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